अर्थव्यवस्था
कृषि
जिला की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। कृषि, बायो-गैस संयंत्र, पशुपालन, लघु उद्योग जिले के लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करते हैं।
बाराबंकी में शुद्ध सिंचाई क्षेत्र 84.2 प्रतिशत है, जब कि तुलनात्मक दृष्टि सेे उत्तर प्रदेश में 79.0 प्रतिशत है। बाराबंकी में सिंचाई की तीव्रता 176.9 प्रतिशत है, जहां यू.पी. में यह 140.0 प्रतिशत है। जिला बाराबंकी में सिंचाई सुविधा राज्य की औसत से ऊपर है। बाराबंकी में अधिकांश सिंचाई निजी ट्यूब वेल्स और नहरों द्वारा की जाती है, जो क्रमशः 69.0 और 29.9 प्रतिशत है, जबकि यू.पी. में यह क्रमशः 87.9 और 20.9 प्रतिशत है। बाराबंकी में राजकीय ट्यूब वेल्स और तालाब / नदी जैसी अन्य स्रोतों आदि द्वारा सिंचाई राज्य की औसत से तुलनात्मक रूप से कम हैं।
जिला बाराबंकी में निर्वाह कृषि को जीविका के लिये किया जाता है। वर्ष के दौरान किसान पांच फसलों तक का चक्र चलाते हैं। अनाज की प्रमुख फसलें मुख्य रूप से धान और गेहूं हैं, जिनका सकल फसली भूमि क्षेत्रफल क्रमशः 34.4 और 31.3 प्रतिशत है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह क्रमशः 23.1 और 40.6 प्रतिशत है। बाराबंकी में कुल मिलाकर 68.4 प्रतिशत क्षेत्र पर अनाज की खेती का कब्जा है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 73.2 प्रतिशत क्षेत्र में है। बाराबंकी में कुल 10.1 फीसदी क्षेत्र पर दालों का कब्जा है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 11.6 फीसदी है। बाराबंकी में अनाज के अंतर्गत कुल क्षेत्र 78.5 प्रतिशत है, जब यू.पी. में यह 84.9 प्रतिशत है। गन्ने के अंतर्गत क्षेत्र काफी कम है, अर्थात 3.6 प्रतिशत, जबकि उत्तर प्रदेश में यह 9.5 प्रतिशत है। बाराबंकी यूपी में बड़े आलू उत्पादक क्षेत्रों में से एक है, आलू जिले में 2.8 प्रतिशत क्षेत्र मेंं बोया गया, जो कि यू.पी. की औसत से अधिक है, जो 2.0 प्रतिशत से भी कम है। जिला की मुख्य खाद्य फसलें गेहूं, चावल और मक्का हैं। अफीम, मेन्थॉल तेल, गन्ना, फलों (आम, केला, मशरूम, आदि), सब्जियां (आलू, टमाटर आदि), फूल (ग्लेडियोलस आदि), मसाले, आदि जिला की प्रमुख नकदी फसलें हैं। जिले से आम और सब्जियां भी निर्यात की जाती हैं। ब्रिटिश शासन के समय से बाराबंकी अफ़ीम के उत्पादन का प्रमुख केंद्र रहा है, जिसमें हजारों किसानों के कार्यरत होने के कारण, बाराबंकी जिला अफीम अधिकारी जो अफीम उत्पादन से संबंधित राज्य में एकमात्र ऐसा अधिकारी है, और वह अफ़ीम कोठी में स्थित है।
बाराबंकी जिला मेन्थॉल की खेती में देश का नेतृत्व कर रहे है। बाराबंकी में मेन्थॉल की खेती 20,000 एकड़ (81 वर्ग कि.मी.) में फैली हुई है।
फसलों की खेती के अलावा, जिला में पशुधन पालन आधारित प्रणाली, ब्रॉयलर पालन और मछली उत्पादन भी प्रचलित है, जिले के देवा ब्लॉक में मधुमक्खी पालन भी किया जाता है।
जिले में भारत सरकार के कृषि विभाग का ‘क्षेत्रीय कृषि बीज परीक्षण और प्रदर्शन स्टेशन’ है।
2004 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की नेशनल एकेडमी ऑफ कृषि अनुसंधान प्रबंधन ने जिले में नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत ‘कृषि विज्ञान केंद्र’ स्थापित किया है। एकीकृत समाज विकास संस्थान ने बाराबंकी जिले के निन्दूरा ब्लॉक में वर्ष 2002 में एक ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास और प्रसार केंद्र स्थापित किया है। राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड ने जिले में एक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की है। जिले में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का एक केंद्र है।
कुटीर उद्योग
हस्तशिल्प उद्योग
हथकरघा उद्योग
बुनाई के उत्पादों में परिधान स्कार्फ, शॉल और स्टोल हैं, जिनका एक अच्छा निर्यात बाजार है। इन उत्पादों को मोटे तौर पर दो खंडों में वर्गीकृत किया जाता है:
- रेयान का रेशा
- सूती धागा
बाराबंकी जिला एक रूमाल उत्पादन केंद्र के रूप में उभरा है जहां से अधूरा उत्पाद लिया जाता है और तैयार होने के बाद वापस आपूर्ति की जाती है।बाराबंकी के स्कार्फ को कोज़िकोड में 16 फ़रवरी 2013 से 07 मार्च 2013 तक आयोजित राष्ट्रीय हथकरघा एक्सपो-2013 में प्रदर्शित किया गया था, राष्ट्रीय हथकरघा एक्सपो देश के विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न प्रकार के हथकरघा उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी है।
कढ़ाई
ज़रदोज़ी – 2013 में भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री (जीआईआर) ने भौगोलिक संकेत (जीआई) पंजीकरण, लखनऊ ज़रदोज़ी (लखनऊ की विश्व प्रसिद्ध कपड़ा कढ़ाई) के लिए दिया। लखनऊ और आसपास के छह जिलों-बाराबंकी, उन्नाव, सीतापुर हरदोई, अमेठी और रायबरेली में निर्मित ज़रदोज़ी उत्पाद एक ब्रांड बन गए हैं, और अपनी प्रमाणिकता की पुष्टि के लिए एक पंजीकृत लोगो लगा सकते हैं।
क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम, लखनऊ रोड, बाराबंकी
उद्योग
जिला बाराबंकी में 6 औद्योगिक क्षेत्र हैं
- यू.पी.एस.आई.डी.सी. एग्रो पार्क, कुर्सी रोड, बाराबंकी
- औद्योगिक क्षेत्र, देवा रोड, बाराबंकी
- औद्योगिक क्षेत्र, रसूल पनाह, फतेह्पुर, बाराबंकी
- मिनी औद्योगिक क्षेत्र, इस्माइलपुर, देवा, बाराबंकी
- मिनी औद्योगिक क्षेत्र, अमरसण्डा, बाराबंकी
- मिनी औद्योगिक क्षेत्र, सोहिलपुर, हरख, बाराबंकी
बाराबंकी में निम्नलिखित उद्योग और कारखाने हैं:
- इण्डिया पॉलीफाइबर लि. – कंपनी पॉलिस्टर स्टेपल फाइबर, पॉलिएस्टर और टो को ड्यूपॉन्ट, यूएसए की प्रौद्योगिकी से विनिर्माण में लगी हुई है।
- डी.एस.एम. शुगर, रौजागांव, बाराबंकी, यू.पी.
- हैली इण्डस्ट्रीज प्र.लि., बाराबंकी – भारतीय रेलवे में आपूर्ति के लिए सभी प्रकार के मध्यम और उच्च गुणवत्ता वाले वेल्डिंग इलेक्ट्रोड के निर्माण और आपूर्ति के लिए कम्पनी को ISO 9001,9002,9004, ISO9001:2000 QMS सर्टिफिकेशन और नीदरलैंड से KVQA का प्रमाणपत्र प्राप्त है। इसकी एक वायर-ड्राइंग यूनिट और चावल मिल भी है।
- जे.आर.एग्रो इण्डस्ट्रीज लि. – 4.4 किमी देवा रोड पर, सोमैया नगर, बाराबंकी का विलायक निष्कर्षण संयंत्र और वनस्पति तेल रिफाइनरी (सहेली ब्रांड) है।
- जे.आर.ऑर्गेनिक लि. (पूर्व में सोमैया ऑर्गेनिक लि.)
- भारत रबड़ इण्डस्ट्रीज – कंपनी ने रबड़ को धातु बंधुआ, एक्सट्रूज़न रबर उत्पादन और रबड़ मोल्ड आइटम के निर्माण और आपूर्ति के लिये ISO 9001:2000 और SWISO से QMS सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है। परामर्श सेवाएं टी.क्यू. विजन, नई दिल्ली द्वारा प्रदान की गई थीं।
- श्री श्याम इण्डस्ट्रीज, तहसील फतेहपुर
- सौर ऊर्जा संयंत्र – उत्तर प्रदेश का पहला 2-मेगावाट क्षमता वाला सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना बाराबंकी जिले के गांव संदौली में स्थित है, इसका उद्घाटन 10 मई 2012 को हुआ और जनवरी 2013 में यह चालू हो गया। संयंत्र को टेक्निकल एसोसिएट्स लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा स्थापित किया गया है।
बैंकिंग
- इलाहाबाद बैंक
- एक्सिस बैंक
- आंध्रा बैंक
- बैंक ऑफ बड़ौदा
- बैंक ऑफ इण्डिया
- बैंक ऑफ महाराष्ट्रा
- केनारा बैंक
- सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया
- कारपोरेशन बैंक
- फेडरल बैंक
- एच.डी.एफ.सी. बैंक
- हिंदुस्तान कोऔपरेटिव बैंक लि.
- आई.सी.आई.सी.आई. बैंक
- इण्डियन बैंक
- इण्डियन ओवरसीज बैंक
- इंडसइंड बैंक
- आई.डी.बी.आई. बैंक
- पंजाब एण्ड सिंध बैंक
- पंजाब नैशनल बैंक
- भारतीय स्टेट बैंक
- सिंडिकेट बैंक
- यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया
- यूको बैंक
- विजया बैंक
- यस बैंक
- जिला सहकारी बैंक लि.